आज आपको हमारे यहाँ पाए जाने वाले मछली से दमा का इलाज कैसे होते है ? इसके बारे में विस्तार से जानने वाले हैं।
क्या आप मछली से दमा का इलाज के बारे में जानना चाहता है?
तो आप सही जगह पर आए हैं यँहा में आपको विस्वाश दिलाता हूँ कि मछली से दमा के इलाज के बारे में विस्तार से जान पाएंगे।
इसके साथ ही जानेंगे कि कैसे इसे घर बैठे कंट्रोल कर सकते हैं।
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अस्थमा/दमा
ये एक फेफड़े की बीमारी है अस्थमा के बारे में हर कोई जानता है।ये बूढ़े, बच्चे,युवा हर कोई परेशान रहता है।इसके अटेक भी काफी खतरनाक होता है ।अगर इस पर समय रहते ध्यान दिया जाता है तो इससे राहत भी बहुत जल्द मिल जाता है । लेकिन आज हम एक ऐसे ही नुस्खे के बारे में जानने वाले हैं जो कि जिंदा मछली से तैयार होता है।
पारंपरिक तरीके से मछली से दमा का इलाज
हैदराबाद में जून महीने में मछली द्वारा बाथिनी परिवार के लोग अपने
पुस्तैनी तरीके से दमा/अस्थमा का आयुर्वेदिक इलाज कर रही है।इसके लिए रोगी को ये अपने ही शिविर में मुरैल प्रजाति के दो इंच की मछली को लाने के लिए देते है और मछली के मुँह पर एक विशेष प्रकार का पीली रंग के प्राकृतिक लेप लगाते हैं और मरीज के मुँह में डाल देते हैं और मरीज को इसे निगलना पड़ता है।
इसके बाद पेट के अंदर जाकर मछली अपने मुँह से पंद्रह मिनट तक अपने मुँह पर लगाये गए औषिधि को मरीज के पेट मे छोड़ती है जब तक कि मछली जीवित रहती है जिससे हजारो लोगो को राहत मिला है और प्रतिदिन 10000 आदमी यहाँ अपना उपचार करवाते हैं।
इतिहास:-
बाथिनी परिवार में पहले लगभग 1845 ई० में एक किसान को यह चमत्कारिक शक्ति मिली थी।तब से अभी तक इस परिवार के लोग दमा के मरीज का मुफ्त में उपचार करते हैं।इस दवाई का प्रयोग मृगासिर नामक सूर्य के एक विशेष चरण में दी जाती हैंजो एक साल में एक बार मे ही होता है वो भी मात्र दो दिन के लिए ही दिया जाता है।इस प्रक्रिया में लगभग 3 साल लग जाते हैं ।ये विशेष जानकारी बाथिनी परिवार के एक सदस्य बी.हरिनाथ बाथिनी के द्वारा दी गयी है।
अस्थमा में कौन सी मछली खानी चाहिए?
एक अध्ययन के अनुसार मछली में एन-3 आयल पाया जाता है जो दमा के 62% तक कम कर देते हैं।इसमें सबसे अधिक जो प्रयोग किया जाता है वो है सैमन, ट्रायल और सार्डिन जैसे मछलियाँ का क्योकि इसमें एन-3 ऑयल की मात्रा अधिक होती है जिसके सेवन से बच्चों में आस्थमा के लक्षण में कमी आती है।इस बात की जानकारी ऑस्ट्रेलिया के एक विशेष अध्ययन से प्राप्त हुआ।