श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे -अर्थ और महिमा

आज हम श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का अर्थ व फायदे जाप करने के तरीके के बारे में जानने वाले हैं। क्या आप इसे जानना चाहते हैं

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे क्या है?

तो आप सही जगह पर आये यहाँ विश्वाश दिलाता हु की आप यहाँ श्री शिवाय नमस्तुभ्यं के बारे सभी जानकारी हाशिल कर पाएंगे।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं एक ऐसा अद्भुत और चमत्कारी मंत्र है जिसके महत्व का वर्णन स्वयं शारदा भी नहीं कर सकती यह जितना छोटा है उतना ही प्रभावशाली और महत्वपूर्ण है,

जिस प्रकार वेदों का मूल मंत्र ऊं,गीता का ऊं तद्भव, श्रीमद्भागवत महापुराण का ऊं नमो भगवते वासुदेवाय है ठीक उसी प्रकार शिव महापुराण का श्री शिवाय नमस्तुभयम है जिसके एक जाप एक हजार महामृत्युंजय जाप के बराबर फल देता है।

जैसा कि हम लोग जानते हैं भगवान शिव को प्रसन्न करना बेहद ही आसान माना जाता है इन्होंने ना केवल मानबो बल्कि कई असुरों को भी वर देकर कृतार्थ किए हैं भगवान शिव का नाम इन्हीं कारणों से भोलेनाथ पड़ा है जो इन्हें सच्चे तन मन से इनकी आराधना करते हैं भगवान से उन्हें प्रसन्न होकर बिना मांगे उनकी इच्छा को पूरी कर देते हैं और उनके सारे कष्टों को दूर कर देते हैं।

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आइये जानते हैं क्या हैं श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे, , इसके जाप की महत्वपूर्ण विधि और इस मंत्र से जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ के बारे मे

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के फायदे

महामृत्युंजय के समान प्रभावी
श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र शिव पुराण का एक अति चमत्कारी और अद्भुत मंत्र है। जिसके कंपन्न हमारे अंदर चक्र को जागृत करने का काम करते हैं हमारे बंधो को खोलते हैं और हमारे जीवन को बदलने के लिए यह मंत्र काफी महत्वपूर्ण है कहा जाता है कि इस श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र की एक माला जपने मात्र से महामृत्युंजय मंत्र के 1 लाख माला जपने के बराबर फल मिलता है। यदि कोई भक्त सच्चे व पवित्र तन मन से इस मंत्र का जाप करता है तो निःसंदेह यह मंत्र महामृत्युंजय मंत्र से भी ज्यादा चमत्कारिक मंत्र है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का महत्व

मनोकामना को पूरा करती है

जो भक्त सच्ची भावना, श्रद्धा और पवित्रता से इस मंत्र का जाप करते हैं उसकी जो भी मनोकामनाएं होती है क्योंकि जिस मंत्र में जितनी शक्तियां होती है उसे उतनी ही तन मन की पवित्रता से और सच्ची श्रद्धा से करना होता है श्री शिवाय नमस्तुभ्यं के जाप से भगवान शिव आपके बिना बताए हैं ही उसकी हर मनोकामना को पूर्ण कर देते हैं और और उसकी झोली खुशियों से भर देते हैं

मानसिक चिन्ताओं से मुक्ति

शिव पुराण में ऐसा बताया गया है कि जो व्यक्ति की मानसिक स्थिति अच्छी नहीं है या उनके मन में बुरे विचार आते हैं रातों को बुरे सपने जैसी समस्या से परेशान हैं तो सच्ची श्रद्धा से श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र के जाप करे तो ऐसी समस्याओं से निजात पा सकता है मानसिक स्थिति शांत करने के लिए इस मंत्र का जाप अति प्रभावशाली बताया गया है

आर्थिक तंगी से छुटकारा

श्री शिवाय नमस्तुभयम मंत्र में ऐसी चमत्कारी और प्रभावशाली शक्तियां होती है अगर आपके घर में धन की कमी के कारण आर्थिक तंगी तनाव और घर में हो रहे विवादों को भी इस मंत्र के जाप से छुटकारा पा सकते हैं और इसके जाप से आपके घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है

सुखी दाम्पत्य जीवन हेतु

यदि कोई लड़की हैं या लड़का हैं और अपने दाम्पत्य जीवन को सुखी से गुजारना चाहते हैं तो अपने जीवन में अच्छा पति या पत्नी पाने की अपेक्षा रखते हैं। तो शिव महापुराण के इस मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए। ॐ श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र का यह विशेष फायदा है। इसके जाप करने से पति पत्नी का जीवन सुखमय हो जाता है

रोगों को दूर करने में


श्री शिवाय नमस्तुभयम के जाप करने से पुराने से पुराना और भयंकर से भयंकर रोग दूर हो जाता है ऐसा कहा जाता है कि अगर रोगी लगातार 3 दिन तक इस महामृत्युंजय जप से भी ज्यादा प्रभावशाली श्री शिवाय नमस्तुभयम का मानसिक जाप करने से रोगी को इसका बहुत ही बड़ा चमत्कारी प्रभाव देखने को मिलता है

श्री शिवाय नमस्तुभयम का अर्थ

श्री शिवाय नमस्तुभयम का अर्थ है ;शिव मैं तुम्हें नमस्कार करता हूं होता है।

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्र जाप – की विधियां

श्री शिवाय नमस्तुभयम मंत्र महामृत्युंजय मंत्र से कई गुना ज्यादा लाभकारी माना जाता है इसलिए इस मंत्र का जाप करने से पहले नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्नान कर ले
इस मंत्र के जाप के लिए आप घर के मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा के समक्ष करें
इसके लिए आपका आसन उन या कुस का होना चाहिए या विद्युत रोधी होना चाहिए ताकि इस मंत्र का ऊर्जा जमीन में अर्चना कर जाए
आसन पर बैठने पर हमारा मुख पूरब या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए
इस मंत्र का जाप आप शाम के समय कर रहे हैं तो आपका मुख् उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए
जप के लिए रुद्राक्ष भगवान शिव का अत्यंत प्रिय हैं अतः आप रुद्राक्ष की 108 दानों वाली माला ले जब एक माला का जाप जाप करेंगे तो 1लाख 8 हजार महामृत्युंजय मंत्र के जाप का फल प्राप्त होगा
इस मंत्र को जपने से पहले अपने तन मन को भगवान शिव के प्रति समर्पित कर दें और भगवान शिव की प्रतिमा को प्रणाम करें अगर आप संकल्प लिए हुए हैं या नहीं भी लिए हुए हैं तो आपको यह मंत्र उत्तम फल देगा